उत्पत्ति 16
परमेश्वर की ओर विश्वास को जाता कर आशीर्वाद पाने के बाद जब कनान देश में आने के बाद दस साल होने के बाद अब्राहम ने अपने दासी के द्वारा इश्माएल को जन्म देिया है।
जब हमारे जीवन में परमेश्वर का आशीष आने के लिए परमेश्वर का समय और परमेश्वर का तरीक़े को इंतज़ार करना है। यह आसान नहीं है इस के लिए हम लोग हमेशा जागकर परमेश्वर का संगति में रहना है। अब्राहम के लिए परमेश्वर का योजना को पूरा करने के लिए संतान होना अवश्य था पर परमेश्वर का तरीक़े से इश्माएल का जन्म नहीं हुआ है इस कारण अब्राहम के पास अशांति आ गया है। सारा और उस के दासी हाज़िरा के बीच में झगड़ा होता रहा। परमेश्वर की ओर से आए हुए आशीष को पहचाने का तरीक़ा यह है कि उस के साथ शांति है नहीं।
उस के बाद अब्राहम ने परमेश्वर का आशीष को मनुष्य के विचार से मिला दिया है। अब्राहम ने परमेश्वर का योजना को पूरा करने के लिए मनुष्य की ओर से सब से उत्तम मार्ग को लिया है। परमेश्वर का आशीष को पूरा करने के लिए मनुष्यों को विचार उस काम को गड़बड़ कर देता है। परमेश्वर का काम परमेश्वर की ओर से पूरा होता है।
एक और ध्यान देने की बात यह है कि परमेश्वर ने अब्राहम को क्यों नहीं रोक दिया है। अब्राहम ने मिश्र देश में थे उस समय में राजा ने सारा को अपने पास रखने की कीशिश किया तो परमेश्वर ने उद्भुत तरीके से रोक दिया है। पर इस बार को नहीं रोक दिया होगा?
पिता परमेश्वर!!!
हमेशा आप की ओर जाग कर रहने दें आप के आशीष हमारे जीवन में पूर्ण रीति से होने दें। अपने विचार के साथ परमेश्वर के आशीष को समझने की कोशिश नहीं होने दे। आमीन
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