इसहाक की पत्नी बाँझ थी
परमेश्वर ने अब्राहम के साथ वाचा बाँद दिया है कि उस के द्वारा बड़ा जाति बनाने के लिए और अब्राहम के सौ साल के उम्र में इसहाक को दिया है। इसहाक बड़ा होने के बाद परमेश्वर ने अब्राहम से इसहाक को माँगा तो अब्राहम ने इसहाक को परमेश्वर के लिए दे दिया। अब सारा भी मर गई उस के बाद अब्राहम ने परमेश्वर का वाचा को ध्यान में रखते हुए अपने दास को अपने कुतुम्बियों के पास भेज कर इसहाक के लिए कन्या को ले आने के लिए कहा तो दास ने परमेश्वर से प्रार्थना कर के उस के उत्तर के रूप में रिबका को मिला और उस के साथ अब्राहम के पास ले आया है। और अब्राहम ने इसहाक और रिबका को शादी करवाई। लेकिन इसहाक की पत्नी बाँझ थी। यह कितना शौक़ की बात है। जब अब्राहम का उम्र 75 से लेकर इसहाक के उम्र 40होने तक क़रीब 65 वर्ष तक परमेश्वर के साथ चलता आया है। यह यात्र किस के लिए हुआ जब परमेश्वर ने वचन दिया और अब्राहम उस वचन के पीछे चलने लगे जैसे, “यहोवा ने अब्राम से कहा, “अपने देश, और अपने कुटुम्बियों, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा। और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊँगा, और तुझे आशीष दूँगा, और तेरा नाम महान् करूँगा, और तू आशीष का मूल होगा। जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूँगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे।””(उत्पत्ति 12:1-3) लेकिन इसहाक का पत्नी बाँझ थी। अब सारा भी मर गया है।
अब्राहम बुढ़ापे में क्या धोखा मिल गया?
परमेश्वर क्यों ऐसा व्यवहार किया है?
उस के बाद में लिखा है, “इसलिये उसने उसके निमित्त यहोवा से विनती की; और यहोवा ने उसकी विनती सुनी, इस प्रकार उसकी पत्नी रिबका गर्भवती हुई।” प्रार्थना के बाद देने वाला था तो क्यों अब्राहम के लिए और इसहाक के लिए ऐसा दूर दशा में ले गया है? यह सवाल हमारे जीवन में भी होता रहता है। क्यों?
क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिए सब कुछ देने के लिए तैयार है पर एक बात को कभी भी नहीं छोड़ सकता है कि हम जाने कि वही परमेश्वर है, वही सृजनहार है, वही राजा है। इस बात को बताने के लिए अदन की बारी में भले बुरे की ज्ञान की पेड़ को रख दिया है। अगर हम परमेश्वर को स्वीकर करते हुए उस फल को नहीं खाते तो परमेश्वर का सब कुछ को अपने पास रख सकता था। वैसा ही आज भी हमारे जीवन में हर बातों में परमेश्वर को राजा स्वीकार करना है। इसलिए रिबका को बाँझ की दशा में ले आया और प्रार्थना के द्वारा गर्भवती होने दिया है। परमेश्वर को राजा स्वीकार करना...
सब लोग अमेरिका को अच्छा लगता है और उस देश का नागरिकता को पाने की आशा रखता है क्योंकि उस देश में सारे बातें सुव्यवस्था के साथ होता है वह रहने में अच्छा सुविधा मिलता है, सुरक्षित है। इसलिए उस देश में नागरिक होना गोरव की बात है।
हमारे परमेश्वर सृजनहार है, इतिहास का मालिक है और हम से प्रेम करता है यहाँ तक अपने एक लौटा पुत्र को भी दे दिया। ऐसा परमेश्वर को राजा स्वीकार करने में सिर्फ विश्वास ही चाहिए “यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।” (यूहन्ना 14:6)
परमेश्वर को राजा स्वीकार करें और उस के सारे सुविधा को अपने जीवन में उपलब्ध करा दें।
प्रभु!!!
मैं आप के शारण में आना चाहता हूँ यीशु मसीह के नाम से मुझे स्वीकर कर दें। आमीन
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