उत्पत्ति 5
आदम के द्वारा शेत की जन्म हुआ है। शेत आदम के समानता में और आदम ही के स्वरूप के अनुसार उत्पन्न हुआ है। जैसे परमेश्वर ने अपने समानता में और उस की स्वरुप में आदम को बनाया वैसा ही आदम ने शेत को बनाया है। इस से देख सकता है कि परमेश्वर का सृष्टि कितना अनोखी है परमेश्वर के जैसे लोगों के द्वारा पूरा दुनिया भर जाऐगा। और वे लोग एक दूसरे को परमेश्वर के समान प्रेम करते हुए परमेश्वर को महिमा देते रहेगा। यह कितना अद्भुत दृष्य है। परमेश्वर के पास सृष्टि के समय से बाइबल के अंतिम पुस्तक प्रकाशितवक्य के समय तक यह दृष्य कभी न बदल कर होता रहता है। “इसके बाद मैं ने दृष्टि की, और देखो, हर एक जाति और कुल और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था, श्वेत वस्त्र पहिने और अपने हाथों में खजूर की डालियाँ लिये हुए सिंहासन के सामने और मेम्ने के सामने खड़ी है, और बड़े शब्द से पुकारकर कहती है, “उद्धार के लिये हमारे परमेश्वर का, जो सिंहासन पर बैठा है, और मेम्ने का जय-जय कार हो!” और सारे स्वर्गदूत उस सिंहासन और प्राचीनों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े हैं; फिर वे सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े और परमेश्वर को दण्डवत् कर के कहा, “आमीन! हमारे परमेश्वर की स्तुति और महिमा और ज्ञान और धन्यवाद और आदर और सामर्थ्य और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन!” (प्रकाशितवाक्य 7:9-12)
परमेश्वर ने आदम के द्वारा शेत को उत्पन्न करने का काम को किया गया है वैसा ही हमारे जीवन के द्वारा भी परमेश्वर के साथ चलने वालों का उत्पन्न होना परमेश्वर का इच्छा है। संसार में अब भी परमेश्वर को न जानते हुए परमेश्वर को स्तुति करने से वंचित हुए लोगों को यीशु मसीह के सुसमाचार के द्वारा परमेश्वर के पास ले आना है जैसा मेरे जीवन में परमेश्वर ने किस और के द्वारा यह काम को किया है।
शेत का नाम का अर्थ यह है कि ‘बदले’ जो परमेश्वर को उचित तंग से भेंट चढ़ने वाला हाबिल के बदले परमेश्वर ने शेत को आदम के द्वारा उत्पन्न होने दिया है। वैसा ही परमेश्वर का काम कभी रोकता नहीं है।
मतूशेलह का नाम का अर्थ है ‘उस के समय के बाद न्याय होगा’ यह 969वर्ष तक रह कर बाइबल में सब से लंबी उम्र् जीने वाला हो गया है। मतूशेलह का पिता हनोक के जीवन परमेश्वर के साथ साथ चलने वाला जीवन था परमेश्वर ने हनोक अपने पुत्र का नाम को मतूशेलह रखने दिया होगा और अपने पुत्र का नाम को पुकारते हुए इस धारती पर अपने वाला परमेश्वर का न्याय के बारे में चिंतन करते हुए परमेश्वर के साथ साथ चलता रहा होगा। किस के साथ चलने का मतलब यह है कि दोनो को विचार और मन एक होना है। हनोक परमेश्वर के साथ एक ही मन और विचार हो गया है। हमारे जीवन का सब से बड़ा कामना यह होना है परमेश्वर के साथ साथ चलना।
मतूशेलह का नाम के अनुसार उस के उम्र का अंत नूह के समय में जल प्रलय के समय में हुआ। मतलब परमेश्वर लगभग एक हज़ार साल को इतंजार किया है। परमेश्वर विलंब से क्रोध करने वाला है, पर इस का न्याय उस के निश्चय आएगा। जैसे हनोक ने अपने पुत्र के नाम को मतुशेलह बनाकर परमेश्वर के साथ चलता था वैसा ही आज भी संसार की ओर नज़र नहीं रखते हुए सिर्फ़ परमेश्वर के साथ साथ चलने वाला जीवन होना है।
प्रभु!!!
आप के साथ साथ चलने वाला जीवन होने दें। संसार की सदृष्य न होकर मेरा सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ परमेश्वर की ओर ध्यान देने वाला दिन होने दे।
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