घर बुद्धि से बनता है;
और समझ के द्वारा स्थिर होता है।
ज्ञान के द्वारा कोठरियाँ
सब प्रकार की बहुमूल्य और मनोहर
वस्तुओं से भर जाती है।
और समझ के द्वारा स्थिर होता है।
ज्ञान के द्वारा कोठरियाँ
सब प्रकार की बहुमूल्य और मनोहर
वस्तुओं से भर जाती है।
आजकल मेरे चारो तरह मकान बनता रहता है। पर घर के बारे में नहीं जानता है वे लोग कैसे बनता है शादी हो गया एक घर बास गया पर अनेक घर या परिवार कुछ काम का नहीं क्योंकि एक दुसरे के लिये अपने प्रयोजन को समझ नहीं पाता है। अधिक से लोग अपने कमियों को अपने परिवार से पुरा करना चाहता है उसके बाद प्रभु की सेवा करना चाहता है। हम परमेश्वर को छोड़ किस और पर भरोसा नहीं रख सकते हैं और परमेश्वर के सिवा किसी और ने हमारे कमियों को पुरा नहीं कर सकते हैं। अपने कमजोरियों को प्रभु यीशु मसीह के द्वारा पूरा करें और दूसरों को सेवा करें।